दस में से पानी के 9 सैंपल फेल, साफ पानी पिलाने में देशभर में छठे स्थान पर शिमला

पहाड़ों की रानी शिमला (Shimla) की आबो-हवा भले ही साफ हो, लेकिन यहां लोगों को साफ और शुद्ध पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा है. भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से देशभर के 21 शहरों से पानी के सैंपल (Sample) लिए और जांच करवाई. इसमें शिमला से मुम्बई का पानी (Water) अधिक स्वच्छ पाया गया है. भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से हर साल देश में पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर जांच करवाई जाती है. इस बार के सर्वे में शिमला से लिए गए पानी की के 10 सैंपल (Sample) में से 9 सैंपल फेल हुए हैं, जिसके चलते शिमला का स्वच्छ पानी (Clean Water) मिलने के दावों की भी पोल खुल गई है.

ये है रैकिंग
देश के 21 शहरों में सबसे स्वच्छ पानी देने में मुम्बई पहले स्थान पर है और शिमला देश भर में छठे नंबर पर है. शिमला में लिए गए पानी के 10 में से 9 नमूने फेल हुए हैं. शिमला में दो साल पहले गंदे पानी से फैले पीलिया के बाद शिमला शहर में पानी की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पाया है, जोकि चिंता का विषय है.

शिमला का पानी पीने के लिहाज से ठीक: शिमला जल प्रबंधन



एमसी जल प्रबंधन शिमला को छठा स्थान मिलने से काफी संतुष्ट हैं. जल प्रबंधन निगम लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र गिल का कहना है कि शिमला का पानी पीने के जिहाज से पीने के लिए ठीक है.



ये है पैमाना
भारतीय मानक ब्यूरो के स्वच्छ पानी को लेकर कुछ मानक होते हैं, जिसे IS10500 कहा जाता है. इसी मानक के आधार पर ही पानी की गुणवत्ता को जांचा जाता है. पानी की शुद्धता को मापने के लिए पैरामिटर्स की एक लम्बी लिस्ट होती है, जिसमें कैमिकल, फिजिकल, माईक्रोबियल, बॉयलॉजिकल, वायरस और बैक्टिरिया जैसी चीजें आती हैं. भारतीय मानक ब्यूरो के ने इस बार शिमला से 10 पीने के पानी के नमूने लिए थे, जिन्हें IS10500 के 19 पैरा मीटर पर चैक किया गया है और शिमला से लिया गया हर सैंपल एक पैरा मीटर से फेल हुआ है. हालांकि, पैरामीटर क्या हैं, पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा.








चंडीगढ़-दिल्ली से बेहतर







चंडीगढ़ और दिल्ली से राजधानी शिमला में पानी की गुणवत्ता काफी बेहतर है, लेकिन सैम्पल फेल होने से शहर में पानी की गुणवत्ता पर सवाल भी उठ रहे हैं. शिमला जल प्रबंधन निगम शहर को साफ और शुद्ध पानी देने के दावा तो कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी आकड़ों ने निगम की पोल भी खोल दी है.